GPF Money Withdrawal नियम 2021: नियम 14 के तहत आहरण के प्रावधान
राजस्थान सरकार के सामान्य भविष्य निधि (GPF) नियम 2021 के नियम 14 के अनुसार, एक अभिदाता (कर्मचारी) वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अपने GPF खाते में जमा राशि का आहरण कर सकता है। आहरण की प्रक्रिया को दो भागों में विभाजित किया गया है:
1. बिना कारण बताए आहरण
2. कारण उल्लेखित करने पर आहरण
1. बिना कारण बताए आहरण
यदि कोई कर्मचारी बिना किसी कारण के अपने GPF खाते से राशि निकालना चाहता है, तो निम्नलिखित प्रतिशत तक आहरण कर सकता है:
| क्र. सं. | आहरण प्रतिशत | सेवा अवधि |
|---|---|---|
| 1 | 10% | 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की सेवा पर |
| 2 | 30% | 15 वर्ष से अधिक किन्तु 25 वर्ष से कम सेवा पर |
| 3 | 40% | 25 वर्ष से अधिक किन्तु 30 वर्ष से कम सेवा पर |
| 4 | 50% | 30 वर्ष से अधिक सेवा पर (अधिकतम) |
| 5 | 90% | अभिदाता की अधिवार्षिकी सेवानिवृति से 60 माह अथवा उससे कम होने पर |
2. कारण उल्लेखित करने पर आहरण
कुछ विशेष परिस्थितियों में, कर्मचारी अधिक राशि आहरण कर सकता है, लेकिन इसके लिए कारण देना आवश्यक है। इस स्थिति में दो श्रेणियाँ आती हैं:
| क्र. सं. | आहरण प्रतिशत | स्वीकृत कारण |
|---|---|---|
| 1 | 50% | 1. अभिदाता स्वयं या उसके संतान की उच्च शिक्षा हेतु। 2. वाहन क्रय। 3. स्थाई उपभोग की वस्तुओं का क्रय। 4. अभिदाता, उसके परिवार के सदस्यों या उस पर आश्रित माता-पिता की बीमारी पर व्यय। 5. अन्य कारण जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर आदेशित किए जाएं। नोट: आहरण की सीमा वास्तविक व्यय अथवा जमा राशि के 50% तक होगी, जो भी कम हो। |
| 2 | 75% | 1. भवन निर्माण, भूखंड क्रय, आवास क्रय, फ्लैट क्रय, निर्मित या अधिग्रहित भवन या आवास पुनर्निर्माण, विस्तार, परिवर्धन, भूखंड पर भवन निर्माण। 2. अभिदाता की स्वयं या उसके पुत्रों/पुत्रियों की सगाई/विवाह हेतु। 3. अन्य कारण जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर आदेशित किए जाएं। |
विभागीय पोर्टल पर यह व्यवस्था की गई है कि एक अभिदाता वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अपने GPF खाते में जमा राशि का अधिकतम 75% तक आहरण कर सकता है। यदि अभिदाता की सेवानिवृत्ति में 60 माह (5 वर्ष) से कम समय बचा है, तो वह 90% तक आहरण कर सकता है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
✔️ अभिदाता एकमुश्त या एक से अधिक बार भी यह आहरण कर सकता है।
✔️ एक वर्ष में बार-बार आहरण करने की अनुमति नहीं दी गई है।
✔️ आहरण सीमा से अधिक राशि निकालने की मांग उचित नहीं मानी जा रही है।
अंशदाताओं की मांग: GPF आहरण की कोई सीमा न हो?
कुछ अंशदाताओं का यह कहना है कि वे अपनी वर्ष की प्रारंभिक उपलब्ध राशि के विरुद्ध जितनी बार चाहें, उतनी बार 75% या 90% तक आहरण कर सकें।
👉 यदि यह मांग स्वीकार की जाती है, तो एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है:
1. अभिदाता अपने GPF खाते की पूरी राशि एक ही वर्ष में निकाल सकता है, जिससे भविष्य में उसकी वित्तीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
2. GPF खाते में न्यूनतम बैलेंस बचने की समस्या होगी।
3. बार-बार आहरण करने से रिकॉर्ड संधारण में कठिनाई होगी, जिससे विभागीय प्रशासन और अभिदाताओं दोनों को असुविधा होगी।
GPF नियम 20: नियमों के निर्वचन में संदेह की स्थिति में क्या करें?
राजस्थान राज्य कर्मचारी GPF नियम 2021 के नियम 20 के तहत, यदि किसी नियम के निर्वचन (Interpretation) को लेकर कोई संदेह उत्पन्न होता है, तो संबंधित प्रकरण को राज्य सरकार के वित्त विभाग को निर्णय हेतु भेजा जा सकता है।
💡 अर्थात, यदि किसी अंशदाता को GPF आहरण प्रक्रिया को लेकर कोई संदेह है, तो वह इसे उचित प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार के वित्त विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
निष्कर्ष: GPF आहरण में सीमाएं क्यों आवश्यक हैं?
✅ वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि GPF खाते से बार-बार और असीमित आहरण की अनुमति न दी जाए।
✅ इससे अभिदाता का GPF बैलेंस सुरक्षित रहेगा, जिससे उसे सेवानिवृत्ति के समय पर्याप्त धनराशि प्राप्त हो सकेगी।
✅ बार-बार आहरण की अनुमति देने से रिकॉर्ड प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे विभागीय प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
क्या करें?
✔️ GPF आहरण की मौजूदा सीमा (75% और 90%) का पालन करें।
✔️ यदि किसी नियम को लेकर संदेह हो, तो वित्त विभाग के माध्यम से स्पष्टीकरण प्राप्त करें।
✔️ अपनी भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए GPF को दीर्घकालिक निवेश की तरह इस्तेमाल करें।
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